• मैं था, तू थी, सोचा बारी थी हमारी
    पता कहाँ था, शुरू होनी थी कहानी

  • जेब में थोड़े सिक्के बचा कर, चल दिया उम्मीदों से
    बच्चा है वो, नहीं जानता, क़िस्मत कितनी महँगी है

  • पास आने के काफ़ी तरीक़े थे,
    और दूर जाने के कई बहाने
    मैं सपनों में आने की सोचता रहा
    और वो चाई पी के टालते गए

  • कुछ साल पुराने, सवाल कुछ नए
    कुछ बाते वही, कमाल कुछ नए

    ख़ामोशी लेकर मेरी, बेताब कर गए
    साल के ये दिन बेमिसाल कर गए

  • ख़ामोशी लेकर मेरी, बेताब कर गई
    तौफे में ये ज़िन्दगी, बेकार कर गई

    सुकून से रहता था, तार तार कर गई
    बंज़र से दिल को, बागबान कर गई

    सपनो में मेरे आकर, लाचार कर गई
    मौके से ये ज़िन्दगी, बेहाल कर गई

    पलट कर मुज पे भी, वार कर गई
    ज़माने से हार कर, इनकार कर गई

  • कभी जो दिन ढले तो पास आना, अपनो की तरह कुछ गीत गुनगुनाना
    थोड़ा मनाऊ कभी तो मान जाना, कभी जो हार जाऊ तो साथ आना

  • सवालो की सवलियत नही, ना जवाबो की दास्तान
    आधी अधूरी किताब हू, अभी क्या ही मेरी पहचान

  • सवालो की सवलियत नही, ना जवाबो की दास्तान
    आधी अधूरी किताब हू, यहा क्या ही मेरी पहचान

  • सवालो की सवलियत नही, ना जवाबो की दास्तान
    आधी अधूरी किताब हू, तुम क्या जानो मेरी कहानी

  • Happiness is being the fish in the water. Wisdom is knowing you are in water-tank.

  • Brave, not blind.

  • सपनो का मंदिर बनाओ, मेहनत की सीढिया
    ये मुंबई है भाई, यँहा सब के angle होते है

  • पल भर की तो बात थी, हमारी भी तो कोई आस थी
    आँख खुली तो पता चला, खुद की क्या औकात थी

  • खुदाई खुदा ने कब की छोड़ दी, अब सब यँहा इंसान है
    जात-भात के भेद छोड़ो, यँहा सब की एक ही पहचान है

  • वक़्त थोड़ा धीरे चल रहा है, तो यादें कुछ समेट लो
    कुछ कहानिया हमारी सुन लो, कुछ नयी बटोर लो

  • फूलो से तुम थोड़ा हसना सीखो, ये मौसम की लहेरो से मचलना सीखो
    वक़्त का क्या है कब बदल जाये, तुम आये हो तो, थोड़ा ठहरना भी सीखो

  • फूलो से तुम थोड़ा हसना सीखो, ये मौसम की लहेरो से मचलना सीखो
    वक़्त का क्या है कभी भी बदल जाये, तुम खुद को थोड़ा बदलना सीखो

  • सपने देखना गुनाह है, तो नाम मेरा भी जोड़ दो
    कूद जाओ दरिया में, ये कोशिशे करना छोड़ दो

  • π π का हिसाब होगा, हर गुनाह उसकी किताब में होगा
    उपर वाला सब देख रहा है, हर किसका इन्साफ होगा
    #HappyPiDay

  • परिंदे उड़ना जानते है
    तुम पर फ़ैलाने तो दो
    हर ख़ुशी कदमो में होगी
    तुम थोड़ी कोशिश तो करो

  • पता बता दो ख़ुदा का,
    फ़रियाद कुछ करनी है
    थाम के रखो वक़्त को
    बातें अभी कुछ करनी है

  • कुछ साल बीत गए, पहचान छूट गयी
    भीड़ थोड़ी बढ़ गयी, इंसान बस छूट गए

  • रास्तों में राहे ढूँढ रहा हु,
    तारो में इशारे ढूँढ रहा हु
    उजाला करने निकला था,
    अब बस परछाई ढूँढ रहा हु

  • बात भरोसे की नहीं है, विश्वास अभी भी बहुत है
    शिकायत सिर्फ़ इतनी है की बातें कुछ अनकही है

  • Life is not encyclopedia. Its wikipedia. You can change it.

  • दुखी लग रहे हो बहुत, नाराज़ हम भी अभी
    साथ थे हम दोनों कभी, तस्वीर में ही सही

  • तस्वीर में हम दोनों ही थे, और थी यादे कुछ पुरानी
    मलाल सिर्फ इतना रह गया, की कुछ बाते थी सुनानी

  • कहते है लोग बड़ा शहर है, यहाँ सब मिल जाता है
    अभी तक तो सिर्फ़ लाशें मिली है, इंसान ढूँढते हुए

  • कोशिशें बहुत कर ली हमने, पूरी ईमानदारी से
    पर जीत पाया है कौन, क़िस्मत की ग़द्दारी से

  • शायर को मैं दर्द बेच दु
    लफ़्ज़ों में मैं मर्ज़ बेच दु

    बैंक को मैं क़र्ज़ बेच दु
    बाग़ी को मैं फ़र्ज़ बेच दु

    बचके रहना, गुजराती हु,
    ख़ुदा को भी भस्म बेच दु

    — गुजराती by Dharmesh

  • मुद्दतों के बाद मिला है, सुकून ठीक से सोने का
    क्या चाहते हो? इसे भी छोड़ दु, यादों के बहाने?

  • मुद्दतों के बाद मिला है, हौसला कुछ कर दिखाने का
    इतनी आसानी से हार मान लू? मैं भी थोड़ा ज़िद्दी हूँ

  • कुछ न कुछ तो बात रही होगी, ऐसे ही मुलाकात नहीं हुई होगी
    माना भगवान को नहीं मानते, पर मरज़ी उसकी भी कुछ रही होगी

  • ख़ुदा की खुदाई पे शक मत करो
    तुम अपनी औक़ात का दंभ ना करो
    होगा वही जो क़िस्मत में लिखा है
    तुम क्रिश्न की लीला में भंग ना करो

  • Melt your ego, mould it with pain
    Without loosing, no one can gain

  • खोज में खुद की निकल पड़े, पत्थर पूजे हर कोई
    मंज़िल मिली ना रास्ते, हमसफ़र भी मिले ना कोई

  • People often forget that I don’t forget

  • Let go off the weight of unfulfilled expectations, so that it can shoulder your dreams

  • I belive in “loosely prearranged destiny”

  • Be Passionate not Pundit.

  • Sometimes success gets in the way. (may be someone has said this before me?)

  • Do what you want to learn.

  • चर्चा सुना था अख़बारों में, पुलिस में तेरा नाम था
    पता नहीं था कातिल अब, चौबारों पे मिल जाते है

  • Today’s date is also asking just for you (o तू, o तू, तू o तू O) (on 02/02/2020)

  • दुआ करते है मिले जाए मंज़िले हर मुसाफ़िर को
    हमें तो अब बस रास्तों से गुफ़्तगू की ख्वाहिश है

  • खुश लग रहे हो बहुत, नाराज़ हम थोड़े से अभी
    साथ थे हम दोनों कभी, एक तस्वीर में ही सही

  • तस्वीर में हम दोनों थे, और यादे कुछ पुरानी
    टूट गयी तो क्या हुआ, बयां कर गयी कहानी

  • ख़त आज भी कुछ बाक़ी पहुँचाने
    लिफ़ाफ़े कुछ ख़ाली है आज भी
    कोई पता बता दे उसका अगर
    बन जाऊँ डाकिया मैं आज भी

  • शब्दों की अब ज़रूरत नहीं, बस खामोशी का साथ हो
    इज़हार की अब ज़रूरत नहीं, बस इशारों का साथ हो

  • सन्नाटे सुन लो, खुद से मिल लो
    कल का क्या है, पल में जी लो

  • शुक्र मनाओ मैं माहिर नहीं हूँ
    तौर तरीक़ों से वाक़िफ़ नहीं हूँ
    गलती नहीं की, इश्क़ किया है
    गुनाह हुआ है, काफिर नहीं हूँ

  • History knows everything but chooses its words very carefully

  • आतिशी के दम पे तुम उजाला करने निकले हो
    साथ मेरे सूरज और तुम अंधेरा करने निकले हो

    मौक़ा था, मौक़ा है, अभी भी वापस मूड जाओ
    बंजर ज़मीन से आया हु, तुम ख़ंजर देख डरते हो

    माना की थोड़े बदनाम है, थोड़े तुम अनजान भी हो
    पर तुम कोयल की खान में, हीरे से लड़ने निकले हो

    जान लो, कुछ मान लो, अब थोड़ा पहचान भी लो
    जंगल में आए हो तुम, तो शेर को भी थोड़ा जान लो

    खेल मेरा, खिलाड़ी मेरे, तुम ऐसे ही मरने निकले हो
    चले जाओ, संस्कारी हू, क्यू पाप कराने निकले हो

    राम-क़्रिश्ना को मानता हू, काली को भी पूजता हू
    अच्छा हू, तब तक ठीक हू, क्यू बिगाड़ने निकले हो

    पूछते रहते मुझसे लोग, के किसिसे क्यू नहीं डरता हू
    माथे पे कफ़न बांध के, घर से क्या कभी निकले हो ?
    — 🔥 by Dharmesh

  • आँखों की नमी को, बेकार खर्च मत करो
    आंसुओं को खामखा, यूँ बर्बाद मत करो
    ना समझ पाए जो इस पानी की कीमत
    समझेंगे वो क्या इन आँखों के इशारों को

  • किताबे नहीं बता पायेगी, फर्क खुशबू और महक का
    उसको जानने के लिए तो, जनाब जुड़के टूटना पड़ेगा

  • Ruby ढूँढ ने निकला था, पाला पड़ गया Python से
    नाम बदल ने निकला था, वो password बन के चली गयी

  • Ray of light in the dark dark December
    Way of life, may be tough to remember

    Waiting for hope from May to September
    Story doesn’t always end well, remember

  • अखबार पुराने कुछ बचा कर रखे है, बंध यादों के पिटारे में
    फुर्सत कहाँ थी तब पढ़ने की, बस खबरे बनाने में लगे रहे

  • इश्तहार दिए अखबारो में, खबर फिर भी ना आयी
    चलो इसी बहाने थोड़ी तुम और मशहूर हो तो गयी

  • अकेला हूँ पता है, अकेला ही काफ़ी हूँ
    ये लड़ाई मेरी है, क़िस्मत से वाक़िफ़ हूँ

  • जो हूँ काफ़ी हूँ, अभी मैं बाक़ी हूँ
    लड़ूँगा यूँही, क़िस्मत से वाक़िफ़ हूँ

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